
जब लगने लगता है, कि अब सब-कुछ ठीक होने वाला है, तो कहीं ना कहीं से, कोई नई मुसीबत दस्तक दे ही देती है ! Jab lagne lagta…
Read more »वक़्त और हालत से टूटकर बिखर जाऊं, इतना तो कमजोर नहीं हूं मैं, जिसने तुम्हें बनाया है, उसी के हाथों का खिलौना हूं कोई और …
Read more »बड़ी हिफ़ाज़त से रखा था, फिर भी टूट गया, दिल ही तो था यार, चोट लगी और टूट गया ! Badi hifazat se rakha tha, fir bhi toot ga…
Read more »बख़्श दे मुझकों जान मेरी मेरे खुदा, मैं तेरे ही तो हाथों का खिलौना हूं..! bakhsh de mujhkon jaan meri mere khuda, Main t…
Read more »कुछ हादसे जब, हद से होकर गुज़र गये..., फिर हुआ यूं, हम अपनी ही कहानी में मर गये ! Kuch haadse jab, had se hokar guzar ga…
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