
लोग मेरी ख़ामोशी को, मेरा "गुरूर" समझने लगे हैं, पर सच तो ये है, कि लोगों का हम फ़ितूर समझने लगे हैं ! Log meri…
Read more »हमने उसे बेइंतिहा चाहा, ये हमारी चाहत का लिहाज़ था, वो धोके पे धोका देते रहे, ग़ालिबन उनके यही रिवाज़ था ! Humne use beint…
Read more »ख़ामोशियाँ भी 'शौर" मचाती है, बशर्ते, कान से नहीं ध्यान से सुनना ! Khamoshiyan bhi "shaur" machati ha…
Read more »हँसते मुस्कुराते मेरे चेहरे की हर मुस्कान लेली, जान-जान कहने वाले ने ही मेरी यार जान लेली ! Hanste muskurate mere cheha…
Read more »ध्यान रखना... जिसने भी ख़राब की, अब मेरी खोपड़ी, उस मादर चो* कुत्ते की, माँ की बो*ड़ी ! Dhyan rakhna... Jisne bhi kharab k…
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