
बाहर से सख्त और कठोर वही इन्सान होता है, जिसके अन्दर बहुत कुछ टूटकर बिखरा पड़ा हो ! Baahar se sakht aur kathor wahi insa…
Read more »नहीं होता अब मुझसे और, तेरी "यादों" का बोझ बर्दाश्त, तू कर कोई ऐसी दुआ मेरे यार, कि खो दूँ मैं अपनी याद-दाश्त…
Read more »मिलने की कोई उम्मीद न थी, फिर भी बरसों इंतज़ार किया, तुमसे जुदा होकर भी बेवफ़ा, मैंने फ़क़त तुम्ही से प्यार किया ! Milne ki…
Read more »उनसे मोहब्बत है हमको, लगता है ग़ालिबन उन्हें इतना ख़याल ही नहीं, हम तो ख़फ़ा हैं उनकी बेवफ़ाई से, नफ़रत का तो कोई सवाल ही नही…
Read more »क्यूँ लगाकर गये तुम यार, ऐसी आग दिल के मेरे आशियाने में..., कि इक उम्र गुजर गई हमकों, रो-रो- कर अश्क़ों से आग बुझाने में…
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