
जिसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था, चेहरा मेरा ख़ामोश और उदास देखकर, छाती कूट-कूट कर रोया वो फिर, कफ़न में लिपटी मेरी लाश देखकर !…
Read more »ये फ़ितरत थी तेरी बेवफ़ा, या फिर थी वक़्त की कोई साज़िश, मिट्टी में मिलने से पहले, मिट्टी में मिला दी मेरी हर ख़्वाहिश...! Y…
Read more »ज़िन्दगी अब तू ही बता, क्या है मेरी ख़ता..., तेरी कसम बहुत टूटा हूँ, अब और ना मुझें सता ! Zindagi ab too hi bata, kya hai…
Read more »कभी हँसाती है तो कभी रूलाती है ज़िन्दगी, हर अंदाज़ में जीना हमें सिखाती है ज़िन्दगी, कभी मायूस न होना ज़िन्दगी की आज़माशों स…
Read more »बड़ी मुश्किलों से संभाला है मैंने इस दिल को बेवफ़ा, तेरे रंज-ओ-ग़म से, फिर से इसे तेरे हवाले कर देंगें, ऐसी कोई उम्मीद ना …
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