हाल-ए-दिल ना पूछो इस दीवाने का,
हर रंग देखा है मैंने इस ज़माने का,
मरहम की जगहा नमक लगाते हैं लोग,
तो क्या फ़ायदा तुम्हें ज़ख्म दिखाने का !
Haal-e-dil naa poochho is deewane ka,
Har rang dekha hai maine is zamane ka,
Marham ki jagha namak lagate hain log,
Toh kya faayda tumhen zakhm dikhane ka !
- हाल-ए-दिल - दिल का हाल
- मरहम - दवा, औषधी
- ज़ख्म - घाव, चोट, मानसिक ठेस
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ