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Na manzil hai na muqam...

Na_manzil_hai_na_muqam


ना मंज़िल है ना मुक़ाम है, फ़िर भी मैं चलता ही जा रहा,
ये जीवन महज़ बर्फ़ के समान, जो पिघलता ही जा रहा !

Na manzil hai na muqam hai, fir bhi main chalta hi ja raha,
Yeh jeevan mahaz barf ke saman, jo pighalta hi ja raha !



  • मंज़िल - पड़ाव, मुक़ाम, ठिकाना, विश्राम स्थल, गंतव्य स्थान
  • मुक़ाम - ठहरने का स्थान या जगह, ठहराव, घर
  • महज़ - केवल, सिर्फ़, मात्र, निरा, निर्मल, खालिस 

  • Article By. Dharm_Singh

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