क्यूँ ना सुनाई दी तुम्हें, मेरे दर्द-ए-दिल की सदा,
तेरे दिल से मेरे दिल का, हर "तार" तो जुड़ा था !
Kyun na sunai di tumhen, mere dard-e-dil ki sada,
Tere dil se mere dil ka, har "taar" toh juda tha !
- दर्द-ए-दिल - दिल के दर्द, दिल का दर्द
- सदा - आवाज़, ध्वनी, गूंज, पुकार, नाद
- Article By. Dharm_Singh
2 टिप्पणियाँ
"ज़ुनून था किसी के दिल में ज़िंदा रहने का.,
जवाब देंहटाएंनतीजा ये निकला की हम अपने अंदर ही मर गाएं"...💔
"एक ख़्वाहिश थी कि ज़िंदगी तेरे साथ गुजरे,
जवाब देंहटाएंएक ख़्वाहिश है कि तुमसे अब उम्र भर सामना न हो"...
💔🥀😪